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Start marrying a woman for love and stop divorcing a woman for money

Vijendra Singh Rajawat

Posted : 5/29/2021 9:44:59 AM

अक्सर देखा और सुना जाता है जितना ऊचा पद होता है लड़के का, उतने ही ज्यादा दहेज़ की demand की जाती है फिर और सब लोग मिल कर सरकारी नौकरी का मजाक बना कर रख देते है जबकि बात ये है दहेज़ लोभी चाहे नौकरी वाला हो या बेरोजगार सब अपनी हैसियत के अनुसार Demand रख देते है एक बात को सभी को पता है अगर हम कोई भी सामान लेने जाते है तो अगर brand वाली चीज और local चीज होगी तो हम थोड़ा पैसा और देना पसंद करते है के महंगा रोये एक बार सस्ता रोये बार बार वही उसूल लड़की के पिता करते है के जब दहेज़ देना ही है तो सामान तो अच्छा ले ! यहाँ मैं लड़की के पिता की पक्षदारी नहीं कर रही reality समझाने की कोशिश कर रही हूँ , लड़की के पिता तो demand पूरी करके dahej देने के लिए दुसरो को भी प्रोत्साहित करते है और सीधी सी बात है पैसा फेंको और तमशा देखो , पर जिसको नहीं बिकना होता है वो नहीं बिकता है किसी भी पद पर हो अपने अनुसार ही कार्य करता है क्यूंकि स्वाभिमान कभी बिकाऊ नहीं होता है उसे कोई afford कर ही नहीं सकता है तो स्वाभिमानी बनिए ताकि कोई आपको खरीद न सके और अपनी लड़की को काबिल बनाइये ताकि दहेज़ देने की जरुरत नहीं पड़ेगी और कोई भी बेटी माँ बाप को कर्ज में देख कर कभी खुश नहीं रह सकती तो नया घर कैसे बसा लेगी अपना घर सुना करके 🙏 योगिता कँवर भाटी, जयपुर

योगिता कँवर भाटी, जयपुर

Posted : 7/16/2020 5:49:24 AM

इस समाज का यह झूठा, वि”वास बदलना ही होगा हम सब को आगे आकर, इतिहास बदलना ही होगा। नारी ने ही प्यार लुटाया, दिया सभी को नूतन ज्ञान लेकिन इस दानव दहेज ने, छीना नारी का सम्मान। उसके मीठे सपनों पर ही, हर पल हुआ तुषारापात आदर्षों पर चलती अबला, झेले कदम कदम आघात। खुलेआम लेना दहेज, ये चलन हुआ व्यापारों सा अब विवाह का पावन मंडप, लगता है बाजारों सा। एक रीति यदि हो कुरीति, तो सब फैलें फिर अपने आप इस दहेज से ही जन्मा है, आज भ्रूण हत्या सा पाप। कब तक इस समाज में अंधी, रीत चलाई जाएगी कब तक नारी यूं दहेज की, बली चढाई जाएगी। 🙏🏻🙏🏻भोजराज सिंह भाटी तापु ओसियां जोधपुर

भोजराज सिंह भाटी तापु ओसियां जोधपुर

Posted : 7/9/2020 1:32:33 AM

हर बदलाव समय लेता है सुरज उदय होने के लिये 12 घंटे चाहिये चन्द्रमा उदय के लिये भी 12 घंटे चाहिये यह जो कुरीतियाँ है कई सौ साल से चली आ रही है थोडा टाईम लगेगा लेकिन ज़रूर ख़त्म होगी हम एक साल मे इतना परिवर्तन कर सकते है यह बहुत बड़ी बात है वरना पुराने लोग या पुराने ज़माने कि हस्तियों यह कुरीतियाँ कभी भी छोड़ने के लिये तैयार नही होती बहुत ही बदलाव हो रहा है बस धैर्य रख कर काम करना होगा जोश के साथ होश का उपयोग करना होगा।🙏🏻🙏🏻 जय सिंह राठौड़, गुगडवार हाल तिरुपुर

जय सिंह राठौड़, गुगडवार हाल तिरुपुर

Posted : 7/8/2020 5:30:02 AM

मैं भाग्यशाली हूँ आज के समय को देखते हुए। क्योंकि मेरे दो बच्चे हैं ओर दोनों ही जीवन व समझ जीतनी पढाई करली व किसी तरह का बर्बाद होने व करने जेसे व्यसन नहीं पाले हैं। इसलिए मैंने आगे होकर 22 साल के होते ही आदरनीय श्री सुरेन्द्र सिंह जी गोड़ लालासी लक्ष्मण गढ वाले जो की इसी कार्यकारिणी में विराजमान हैं से आप की बच्ची माँग ली व आपने मुझे हंस कर संभाला भी दि इसी 25 फरवरी को। फिर दुसरे बच्चे के लिए भाई महेन्द्र सिंह जी जाखली को कहा कि भाई आप दिलीप सिंह जी महरोली से मेरे लिए बच्ची माँगो ओर महेन्द्र सिंह जी ने मेरी प्रार्थना दिलीप सा को बताई ओर देखो दिलीप सा व मेरी सगी सा ने अपनी बच्ची मुझे देना स्वीकार करलीया। लेकिन माँग ने से पहले मेने दोनों बच्चीयो के अनुरूप बच्चों को सक्षम किया व माना तब जाकर माँग रखी है। हम तीनों सगे आप की कार्यकारिणी में ही है। न मुझे जोर आया न डरना पड़ा। कारण 30 साल पहले तो देखना पड़ता था की बाई के सासू पता नहीं केसी मीलेगी ओर आज सासु ससूर डर रहे हैं कि बता नहीं बहुराणी केसी आयेगी।इसलिए मुझे यह डर नहीं है। ओर मेरे सगो को भी फायदा हुआ कि मैं चला कर ही घर पहुँच गया। तो समय व किराये भाड़े का रुपया बचा व जुतीया भी नहीं घिसी व नही किसी मध्यस्थता की जरूरत पड़ी। सीधी बात नो बकवास। 🙏🙏🙏दलपत सिंह गच्छीपूरा

दलपत सिंह गच्छीपूरा

Posted : 7/8/2020 5:17:37 AM

मेरा मानना है भारतवर्ष में राजपूत समाज के जितने भी संगठन बने हुए हैं और उन संगठनों के पदाधिकारी या जितने भी सदस्य ग्रुप के हैं आपस में भी अगर अपने बच्चे और बच्चियों के रिश्ते करने लग जाएं तो मेरा मानना है जितनी भी समाज से कुर्तियां है वह जड़ से खत्म हो सकती हैं और समय और रुपए की बर्बादी दोनों से बचा जा सकता है। लेकिन जयपुर की अगर बात करूं तो राजपूत समाज के करीब 40 संगठन बने हुए हैं वास्तव में देखा जाए तो समाज हित में या समाज के प्रति चिंतन करते हुए कोई भी ग्रुप इतना सोशल वर्क नहीं कर रहा है जितना कि समाज हित में करना चाहिए समाज में बहुत बड़े बड़े संगठन हैं मैं नाम नहीं लेना चाहूंगा लेकिन समाज के संगठनों पर समाज के लोगों को ही विश्वास नहीं है इसीलिए दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ के कार्यकर्ताओं को इन सब चीजों या बुराइयों का सामना करना पड़ता है जहां पर भी जाते हैं सुनने को मिलता है कि संगठन वाले कहते कुछ और हैं और करते कुछ और है अपनी बात पर भी खरे नहीं उतरते अगर उनको अपने बच्चे और बच्चियों की शादी या सगाई करनी है तो भी एक दूसरे के सामने शर्त और मांग रख देते हैं। जिससे आम राजपूत को संगठनों पर विश्वास नहीं है लेकिन दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ की में हर एक कार्यकर्ता को जानता हूं और यह भी विश्वास दिलाता हूं कि दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ जिस मकसद को लेकर बनाया गया है उसी बात पर खरा उतर रहा है कथनी और करनी में कहीं पर भी अंतर नहीं है मैं समाज के जितने भी संगठन बने हुए हैं उनसे भी यही अपील करता हूं कि आप भी समाज में अपना खोया हुआ विश्वास वापस प्राप्त कर समाज को एक नई राह दिखाएं। दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ का कार्यकर्ता दिलीप सिंह महरौली

दिलीप सिंह महरौली

Posted : 7/7/2020 10:16:10 PM

दहेज प्रथा एक कुप्रथा है और यह जानते हुए भी खत्म करने का साहस कोई नहीं करता। परन्तु इस संगठन के माध्यम से यह क्रु प्रथा खत्म करने की पहल की गई हैं और मैं इस पहल में दहेज विरोधी संगठन के साथ हूँ इसके द्वारा हम एक नई सोच के साथ अपने सामाज को आगे ले जा सकते हें और नई युवा पीढी को जागरूक कर सकेंगे। इस संगठन ने कई शादी बिना दहेज़ के कारवाई है और सब को एक समान का दर्जा दिया है। हमे शुरुआत अपने से ही करनी है, ना हम दहेज़ देंगें और ना लेंगें और यह शपथ लेनी है। बेटियों को भी बेटे समान शिक्षा देंगे और सक्षम बनाएँगे । कहते है और हम मानते है, राजपूत समाज एक सम्मान प्रिय सामाज है और जो सम्मान प्रिय होता था, वे कभी किसी से इस प्रकार माँगने की अपेक्षा नहीं करते है और ना वो खुद माँगते हैं फिर यह दहेज क्यों माँगा जा रहा है? यदि इस सवाल का जवाब मिल जाएँ तो यह प्रथा खत्म हो सकती है। यथा बहु को बेटी व दामाद को बेटा माने तो कई गलत विचार धाराएँ खत्म हो सकती है यथा बहुए भी ससुराल पक्ष को सम्मान दे। धन्यवाद 🙏🏻🙏🏻 हर्षिता देवड़ा

हर्षिता देवड़ा

Posted : 7/2/2020 8:43:53 AM

*।।वेदना महाराणा की।।* *अगर जाणतो इ कर करसी नाम कद ही नहीं लड़तो हल्दीघाटी मं।* इतिहास स्वर्णिम पन्ना म रेहग्यॊ, आ काँई हालत हुगी है रक्षक, भक्षक बैठ्या, अंग्रेजी नीति पुगी है जीव काट कर जी जगदंबा क भोग आज थे लगा रह्या हो बा जगदंबा सब जीवां री अंबा,थे किण न आज मना रह्या हो कोई भवानी नहीं आवेली, नशा री झूठी शानां पे मं खुद देख्यो बा हाथ धरकर बैठ गयी है काना पे हुक्म करो हे विवश भवानी! हू फेर मेवाड़ी माटी मं। *अगर जाणतो इ कर करसी नाम कद ही नहीं लड़तो हल्दीघाटी मं।* ऊंची नौकरी ऊंचा दाम सब बिक रह्या रिश्ता नाता मं क्षत्राणी तो लार रेह्गी लेण देण री बाता मं थे मत भूलो क्षत्राण्यो कि, ही बा कोई हाड़ी राणी काट दे दियो शीश खून बह्यो जुँ बहे रे पाणी है क्षत्राणी सबकी जननी, हो महाराणा या दुर्गादास छोड़ो लेण देण री बातां, आज लगाऊं थां स्यू आस कन्यादान की मांग करो, मत मोल करो थे बेटां को बेटी न बेटी रैबा दो क्यूँ भार बनाओ पीढ्या को उखाड़ फेंको दहेज रो काँटों मत ना नाम मिलाज्यो माटी मं *अगर जाणतो इ कर करसी नाम कद ही नहीं लड़तो हल्दीघाटी मं।* इतिहास देख्यो हुँ, इतिहास जिओ हूं क्षात्र धरम री खातर लहू रो घूँट पियो हुँ मं खूब लड्यो कि करूं भविष्य सोना ज्यू पर ह्रदय आज ओ कातर है वर्तमान क्यों है पीतल ज्यू खून था सब रो रजपूती तू आस आज फेर लगाऊं हुँ कि है भरोसा म्हारा वंशज पर तो थाने आज जगाऊं हूं हे राजपूतों उठो समाज क्षत्रिय क्षत्रिय पुकार रह्यो है करो त्याग दहेज दारू रो थाने थारो महाराणा बुला रह्यो है म्हारो दुखड़ा जाग्यो तो बोल्यो ई परिपाटी मं *अगर जाणतो इ कर करसी नाम कद ही नहीं लड़तो हल्दीघाटी मं* *कद ही नहीं लड़तो हल्दीघाटी मं* *स्वरचित✍️अंजू शेखावत*

अंजू शेखावत कणवाई

Posted : 7/1/2020 11:22:33 PM

सखा सफल मेहनत से खङा हुआ है संघ। दिन दिन बढता जा रहा, लिये सुनहरे रंग॥ सोच सदा हो कौम हित, रहना प्रयत्न शील। उतम फल हम पायगे, सदा रहे गति शील॥ बहुत बधाई आपको, किया काम बहु नेक। दो घर सखा उभारते, कर कर काम अनेक॥ आदरणीय महेन्द्र सा व पूरी टीम की रात दिन की गई मेहनत सफल होते देखकर मैने अपनी खुशी का इजहार किया है। मदन सिंह शेखावत ढोढसर

मदन सिंह शेखावत ढोढसर

Posted : 6/29/2020 4:38:10 AM

दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ के सभी समाज बंधुओं को जय माता जी की। कुछ भी कहो अब समाज समझने और सुधरने लगा है जिस तरह से आजकल रोज करीब 15 से 20 फोन सगाई के लिए आ रहे हैं इससे लगता है कि समाज में बदलाव वह जो कुप्रथा चली आ रही थी उनसे भी समाज के लोग उब चुके हैं आज हर गांव शहर में दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ के चर्चे और रहे कोई भी नकारात्मक बात दहेज विरोधी संघ के लिए नहीं करता कारण है कि रहा कि हम सब ने प्रयास कर सिर्फ और सिर्फ समाज हित में काम करने का प्रयास किया है इन दिनों प्रतिदिन सगाई समारोह भी बिना दिखावे के सिर्फ परिवार के चार पांच लोगों की मौजूदगी में हो रही है यह भी बहुत अच्छी बात है कल शायद एक और सगाई होने जा रही है बिल्कुल सादगी पूर्ण तरीके से यह मैं कल ही बताऊंगा महरौली गांव में भी काफी जागरूकता आ रही है गांव का युवा अब पुरानी परंपराओं को बदलना चाहते हैं और उनकी मानसिकता भी यही है कि हम हमारे समाज को आर्थिक रूप से मजबूत करें और यह संभव तभी होगा जब हम दिखावा प्रथा बंद कर देंगे आप सब की मेहनत आज रंग ला रही है मेरा मानना है कि अब दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ को वापस सक्रिय होकर गांव गांव शहर शहर में अपना अभियान वह छोटे-मोटे आयोजन शुरु कर देनी चाहिए कोरोना जैसी महामारी बहुत लंबी चलने वाली है इसलिए इससे हताश होकर हमें नहीं बैठना हमें अपने कर्म पथ पर आगे बढ़ते रहना है। दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ का कार्यकर्ता दिलीप सिंह महरौली

दिलीप सिंह महरौली

Posted : 6/27/2020 9:42:24 PM

*बेटियों की कुर्बानी* (तर्ज- ऐ मेरे वतन के लोगो) (By- घनश्यामसिंह राजवी चंगोई) ऐ क्षत्री समाज के लोग .... तुम खूब उमेठो मूंछें, बेटों की लगा कर बोली… कैसे तुम सबसे ऊंचे ! बेटी की आंख में आंसू …. जब आए धरती रोए, हर आह हमें कहती है …. कैसे ये स्वप्न संजोए ! कैसे ये स्वप्न संजोए !! ऐ मेरे समाज के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी ! इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी ! इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! थी फूल सी कोमल बिटिया, जब मां के गर्भ में आई, मां को लगी जान से प्यारी, औरों को नहीं सुहाई ! दहेज के डर से पिता ने , उसे गर्भ में ही मरवाई, खुद बाप बना हत्यारा, दुनिया से ये बात छुपाई ! दुनिया मे आने से पहले, हुई उसकी खतम कहानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी ! ऐ मेरे समाज के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! गर घर - आंगन में गूंजी , उसकी प्यारी किलकारी, मां को तो हुई खुशी पर, दिए समाज ने ताने भारी ! वो चन्द्र कला सी बढ़ रही, पर बाप को चिंता भारी, हम जिस समाज का हिस्सा, है दहेज बड़ी लाचारी ! दहेज जुटाने पिता ने, तब खाक परदेस की छानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी ! ऐ मेरे समाज के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! हो जाती है जवां जब, एक बेटी बाप के घर पर, झुकती है बाप की पगड़ी, बेटे वालों के दर पर ! लड़की की भले हो चाहे, लड़के से अधिक पढ़ाई, फिर भी दहेज की चाहत, ना हो धेला एक कमाई ! आवारा को कहते अफसर, नित गढ़ते झूठ कहानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी ! ऐ मेरे समाज के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! गहना टीका फर्नीचर AC, गाड़ी की फरमाईश, खाने में बकरा मुर्गा, वाईन भी अपनी च्वाईस ! संचित धन सब खरचा, और खरचा कर्जा ले कर, पुरखों की बेची धरती, या घर को गिरवी रख कर ! घर ओर दिल को खाली कर, आंखों में दे गई पानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! ऐ मेरे समाज के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! कर बाप के घर को खाली, बेटी ससुराल में आई, बेटे वालों की नीयत में, आ गई फिर और बुराई ! कभी बाईक-गाड़ी चाहिए, कभी चेन कभी ब्रेसलेट, ओर भिखमंगों ने जला दी, फिर डाल उसे घासलेट ! 'घनश्याम' कहे बेटी की , बस सच्ची यही कहानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! ऐ मेरे समाज के लोगो, जरा आंख में भर लो पानी, इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! इस दहेज ने ले ली कितनी, ही बेटियों की कुर्बानी !! *घनश्यामसिंह राजवी चंगोई*

घनश्यामसिंह राजवी चंगोई

Posted : 6/27/2020 7:43:29 AM

लोग दिखावा और दहेज़ का लेना देना बस समाज को दिखाने के लिए करते है अगर हम उनको महत्व देना बंद करदे तो शायद वो सोचने पर मजबूर होंगे ! मेरे अकेले के अनदेखा करने से उन्हें कोई फर्क न पड़े पर जब एक साथ 20 लोग भी ऐसा करेंगे तो फर्क पड़ेगा | शादी में दहेज़ और टीका देखना बंद करदो ! हम अगर ये सोच ले के हम बदल गए है सब ठीक हो गया तो नहीं सिर्फ इतना काफी नहीं है , बदलाव के लिए कदम तो उठना पड़ेगा और इसलिए मैं दहेजविरोधी क्षत्रिय संघ से जुडी जहाँ मेरे जैसे और भी है, और अगर आप सबका साथ हुआ तो मुमकिन है ,ये सब कुछ बदल सकता है ! जय माता जी री 🙏

योगिता कँवर भाटी, जयपुर

Posted : 6/27/2020 1:43:15 AM

*अपील* दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ के कार्यकर्ताओं के द्वारा विनम्र निवेदन🙏🙏🙏 सभी से अनुरोध है कि अपने बना या बाईसा का रिश्ता करने से पहले इसकी पूरी पड़ताल अपने स्तर पर अवश्य करें कि सामने वाला खानदानी राजपूत है या नहीं तथा पूरी जांच परख करने के बाद ही रिश्ता तय करें I आप अपने स्तर पर खानदान, शिक्षा, संस्कार, गुण-अवगुण, गृह कार्य की दक्षता, व्यवसाय इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर, पूर्ण सन्तुष्ट होने के बाद ही रिश्ता तय करें और यह आपके हित की बात है I सभी से यह अपेक्षा की जाती है कि आप इस विषय में पूरी पारदर्शिता रखेंगे I और कभी भी किसी भी तरह की दहेज यानी लेनदेन की चर्चा आपस में नहीं करेंगे!! दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ आपको रिश्ता करने के लिए केवल एक निःशुल्क मंच उपलब्ध करवा रहा है I रिश्ता करने से पूर्व अपने स्तर पर जाँच परख करे। किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिये इस दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ या संघ से जुड़े हुए किसी भी कार्यकर्ता को उत्तरदायी ना ठहराये *अपीलकर्ता = भंवर मंजीत सिंह अमरपुरा सक्रिय कार्यकर्ता दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ जयपुर राजस्थान*

भंवर मंजीत सिंह अमरपुरा

Posted : 6/27/2020 12:36:32 AM

*dahejvirodhi.com वेब साइट इस संगठन की अनमोल धरोहर है*, जो लोग वेबसाइट का महत्व समझते है उनको इस बात का अंदाजा है कि इसको डेवलप करने और समय समय पर अपडेट करना कितनी मेहनत का काम है, साथ ही यदि इसको किसी बाहरी व्यक्ति से बनवाते तो इसका खर्चा *लाखों* में आता और जब भी इसमें कोई नया बदलाव या नई चीज जोड़ी जाती तो उसका खर्चा अलग से आता, अतः जो इसके सुचारू रुप से संचालन के लिए प्रयत्न कर रहे है वे सभी साधुवाद के पात्र है, इन सब के अनमोल योगदान के लिए इनकी जितनी सराहना की जाय कम हे, अब हम सब की जिम्मेदारी है कि हम ज्यादा से ज्यादा बायोडाटा एड करें और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वेबसाइट के बारे में अवगत कराएं, ताकि समाज का ज्यादा से ज्यादा भला हो, धन्यवाद, शशिंद्र सिंह राठौड़, हाथोज

शशिंद्र सिंह राठौड़, हाथोज हाल उदयपुर

Posted : 6/26/2020 7:39:47 PM

सबसे पहले तो मैं धन्यवाद करना चाहूंगा *श्री दिलीप सिंह साहब महरौली* का जिन से प्रेरित होकर मेरे मन में इस परिवार का सदस्य बनने की इच्छा जागृत हुई, मैंने पहली बार श्री दिलीप सिंह साहब को महरौली में ही श्री महाराव शेखाजी की जयंती पर सुना था तब तब उन्होंने कहा था की हम सब लोग एक छोटी सी शुरुआत कर सकते हैं, क्यों ना पडला सिस्टम सिर्फ रस्म के तौर पर निभाया जाए और झूठे दिखावे को खत्म किया जाए, यही वह दिन था जहां से मुझे प्रेरणा मिली, मैंने श्री दिलीप सिंह साहब से निवेदन किया था कि मैं भी किस संघ के माध्यम से जो समाज के लिए अगर कुछ कर पाऊं तो मेरा सौभाग्य होगा, हुकुम महेंद्र सिंह साहब जाखली साहब को मेरा नंबर दिया और उन्होंने मुझसे विस्तृत बातचीत की तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया उसके लिए मैं पूरे संघ परिवार का आभारी हूं, बहुत-बहुत धन्यवाद, शशिन्द्र सिंह राठौड़, ठिकाना हाथोज, हाल निवास उदयपुर

शशिन्द्र सिंह राठौड़, ठिकाना हाथोज

Posted : 6/26/2020 7:19:08 PM

✍ महेन्द्र सिंह राठौड़ जाखली मधु हाल जयपुर कृत। व्हाट्सएप व मोबाईल नंबर 9928007861 (1) देश आपके साथ में, बढो़ फौजियों आज। अच्छा ठोका चीन को,बढ़िया है आगाज।। (2) शौर्य वीरता फौज की,ना भूलेगा देश। ठोको ठोको चीन को, छोड़ो ना कुछ शेष।। (3) फौजी मेरे साथियों,फोड़ो अबकी बार। सबक सिखाओं चीन को, लेलो बदला यार।। (4) ले लो बदला चीन से,फौजी है बलवान। हीरो सच्ची फौज है,भारत देश महान।। (5) अबकी ऐसे फोड़ना, देखें सारा देश। रोये इतना चायना,ऐसा करो विशेष।। (6) माथा घूमा फौज का,रोयेगा ये चीन। खा जाओ कुछ इस तरह,जैसे हो नमकीन।। (7) मातृ भूम को नमन कर, देते हैं बलिदान। फौज हमारी शान हैं,ये रखे स्वाभिमान।। (8) जब जब आये देश पर, आफत की बरसात। फौज हमारी सामने,देती सबको मात।। (9) फौलादी बन फौजियों, फन कुचलो इस बार। नाग दुबारा ना डसे,आंखे करदो चार।। (10) आज सुनो इस देश के,कान खोल गद्दार। सबसे पहले आपको, ठोकेंगें इस बार।। (11) भारत माता पर नजर,गलत गडा़ये चीन। आंखे उसकी नोच लो,नाग रहे ना बीन। (12) बच्चा-बच्चा देश का,देश भक्त हैं आज। सुनले नकटे चायना,झपटेगा अब बाज।। (13) तिब्बत छोडो़ चायना,अब तोड़ो ताईवान। हांग कांग भी अलग हो,करदो अब ऐलान।। (14) खरीदना अब बंद हो,माल चीन का आज। भारत माता बोलती, रखना मेरी लाज।। (15) टीक टोक के लात दो, जाये समदर पार। जूम जाम की बैठकें, करना अब ना यार।। (16) देशT हमारी जान है,भारत माता शान। देख चायना मानजा, लेलेगें हम प्राण।।

महेन्द्र सिंह राठौड़ जाखली मधु हाल जयपुर

Posted : 6/26/2020 5:37:58 PM

समाज में कुछ पैसे वाले होते हैं।जो अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिला कर नोकरी लगजाने पर सम्बन्ध करना सही मानते हैं।और उसी की क़ीमत वसूल करने के लिए एक मोटी रकम की डिमांड लड़की वालों पर रख देते हैं।और एग्रीमेंट् करते हैं ‌।कि मैं इतने नकद इतना सोना व इतनी शराब इतने बकरे । ऐसा फलदान और वी आई पी व्यवस्था यह सब आपकों करना पड़ेगा।तब हम सम्बन्ध आपके यहां करेंगे।बिचारा लड़की का पिता अपनी लड़की की खुशी के लिए सब सोदा मंजूर कर लेता है। यही से होती है।समाज के पतन की कहानी शुरू। क्योंकि हर पिता अपनी हेसियत से ज्यादा देकर अपनी बच्ची को बिदा करने का ख्वाब देखता है। यह मानसिकता जब तक हमारे दिल से नहीं जायेगी।तब तक हम समाज को सुधारने का काम पूरा नहीं कर सकते हैं।जब एक अमीर आदमी गरीब की बेटी से रिश्ता जोड़ने के लिए तैयार हो जायेगा।उस दिन समाज अपने आप ऊपर उठने लग जायेगा। समाज का शुभ चिंतक नारायण सिंह हाड़ा शिक्षक ठिकाना बरगया तहसील ब्यावरा जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश ।

नारायण सिंह हाड़ा

Posted : 6/25/2020 11:49:32 PM

जानवर भी अपना साथी अपनी प्रजाति देख कर करता है पर मनुष्य झूठे दिखावे में सब भूल रहा है हमे आधुनिक होना चाहिए पर साथ ही अपने धर्म और संस्कारो से जुड़े रहना जरुरी है राजपूत नाम पर सब अभी तक सब इसलिए गर्व कर रहे है क्यूंकि क्षत्राणियों ने अपने मान-सम्मान और सामाजिक मर्यादा के लिए जोहर करना स्वीकार किया पर किसी की नजर भी बर्दाश नहीं करि ,कई युद्ध हुए जिसमे कई पीढ़िया खत्म हुई पर कभी स्वाभिमान खत्म नहीं हुआ ,राजपूती अभी तक जिन्दा है पर जो कलह का बीज अब बोया जा रहा है और जो बच्चे अपने कर्तव्य से विमुख हो रहे है वो सब कुछ नष्ट करने पर तुले है! क्षत्रिय का जीवन कभी उसके लिए नहीं बल्कि हमेशा से समाज और देश के लिए होता है तो अपने बारे न सोचते हुए समाज के लिए सोचे और परिवार को कलंकित न करे ! आपकी ये भूल बस पछतावे के सिवा कुछ नहीं देगी आपको 🙏जय माता जी

योगिता कँवर भाटी, जयपुर

Posted : 6/25/2020 10:47:18 PM

दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ के सभी सम्मानित समाज के मोतियों से महंगे हमारे परिवार के सदस्यों को जय माता जी की इन दिनों में दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ की चर्चाएं शहरों और गांवों तक होने लगी है इसका श्रेय आप सभी कर्मठ और समाज के प्रति समर्पित लोगों को जाता है समाज के लोग कुछ दहेज विरोधी संघ से जुड़ने के लिए लालायित भी हैं और कुछ जैसे आज मेरे पास भी नागौर जिले से दो फोन आए थे उनमें उनके बच्चे और बच्चियों दोनों की शादी करवानी है लेकिन अभी भी वह दहेज विरोधी ग्रुप में अपने बच्चे और बच्चियों के बायोडाटा डालते हुए शर्माते हैं कारण एक ही होता है कि हमारे बायोडाटा और समाज बंधु सोचेंगे तो शायद यह सोचेंगे की इनके बच्चे और बच्चियों की शादियां नहीं हो रही इसलिए यह बायोडाटा ग्रुप में डाल रहे हैं उन्होंने मेरे को कहा कि आप यह बायोडाटा ग्रुप में मत डालना वैसे ही पता करके बताना इस बात से साफ जाहिर होता है हमारे समाज के लोगों के अंदर अभी भी झूठा दिखावा झूठी शान बाकी है समाज हित के अंदर सभी लोग आगे आकर समर्पित भाव से और समाज से बुराइयों को खत्म करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं तो फिर ऐसी विचारधारा क्यों????? इसलिए मेरा मानना है कि आप एक परिवार के सदस्य के रूप में दहेज विरोधी संघ को देखें ना कि सिर्फ यह कि अगर हमारे बच्चे या बच्चियों के बायोडाटा इसमें आ गए तो हमारे रिश्तेदार आज पड़ोसी यह सब क्या कहेंगे आज तक हम इसीलिए पिछड़ से आ रहे हैं कि लोग क्या कहेंगे हम अपने आप में तभी सुधार कर सकते हैं जब इन सब बातों की परवाह किए बगैर अपने और समाज हित में और समाज में फैल रही बुराइयों को जड़ से खत्म करने के लिए आगे आप सब को भी आना पड़ेगा और लोग क्या कहेंगे इस बारे में या यह सोचना बिल्कुल बंद करना पड़ेगा। मध्य प्रदेश टीम में हमारे महेंद्र सिंह बहुत ही सक्रिय कार्यकर्ता है जो संपूर्ण भाव से समाज सुधार में लगे हुए हैं और मैं मध्यप्रदेश के सभी बंधुओं से यही निवेदन करना चाहूंगा कि आप भी समाज से जब जुड़ रहे हैं तो समाज हित में कम से कम 1 घंटा रोज जरूर निकालें और मंथन कर समाज हित में अपना योगदान प्रदान करें मैटर काफी लंबा हो गया है बाकी बातें एक-दो दिन में और सभी को जय माता जी की। मैं दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ का छोटा सा कार्यकर्ता दिलीप सिंह महरौली

दिलीप सिंह महरौली

Posted : 6/25/2020 5:48:15 AM

दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ के माध्यम से समाज में इतने वर्षों से फैली हुई कुप्रथा कुरीति कुरिवाज मैं काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। समाज के लोग स्वेच्छा से अब इन बुराइयों को समाज से जड़ से खत्म करने के अथक प्रयास कर रहे हैं। पिछले 7 दिनों में 9 रिश्ते बिना दहेज और टीके के तय हुए हैं। आप भी समाज हित में एक कदम आगे बढ़ाएं।।

दिलीप सिंह महरौली

Posted : 6/23/2020 5:46:08 PM

माता पिता पाल पोषकर बेटी को बेटे वालों के देते है। जीससे बेटे वालों का वंश चलता है। बेटे वालों की सेवा भी होती हैं। फिर उन माँ बाप से धन की मांग करना कहाँ तक धर्म संमत है। बहुओं को स्नेह व सम्मान करे। दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ के सभी साथी सहयोगीयो को कोटि कोटि धन्यवाद 👍👍👍

दलपत सिंह गच्छीपूरा

Posted : 6/23/2020 5:41:53 PM

दहेज विरोधी क्षेत्रीय संघ के हमारे कर्मठ कार्यकर्ता आदरणीय विजेन्द्र सिंह राजावत साहब का तह दिल से धन्यवाद देना चाहते हैं जो इस वेबसाइट के लिए अपना अमूल्य समय समाज को दिया और समाज को एक नई दिशा दिखाने का भरपूर प्रयास किया इसके लिए उनको एक बार फिर बहुत-बहुत धन्यवाद अब इस वेबसाइट को आगे बढ़ाने का कार्यभार हम सभी कार्यकर्ताओं का है ।

गजेंद्र सिंह मेघसर,

Posted : 6/23/2020 10:48:28 AM

लडे़ नहीं मैदान में, कैसे होगी जीत। हार गये बिन युद्ध के, अच्छे अच्छे मीत।। उठो कंवर सा कलम सम्हालो या तेज करो समशीर। अब सोयां तो इतिहास मिटैलो थानै कुण कैसी क्षात्र वीर।।

Gajendra Singh Rathore meghsar

Posted : 6/23/2020 9:58:05 AM

Dowry is a curse to our society, it is an explicit discriminatory act against girls. It is very painful to see that in today's world every educated or uneducated women are facing this problem, even after very strict vernment law. This platform is doing very well in terms of social awareness and giving a hope to every women that we can also raise our voice against this dowry. We should protect women from the curse of dowry, both male and female of society should be conscious in this matter. I am having so much proud on my brothers that they have taken such an inspiring step in rajput samaj.

Divya Rathore

Posted : 6/23/2020 9:30:51 AM

Jai jai rajputana, आदरणीय मनोभावों दहेजवीरोधी से जुड़े हुए सबी बनना ओर बाईस हुक्म आप सबी को मेरी ओर से तहदिल से धनियेवाद 🙏मेने आप सभी मानोभकवको के कम्मेंट का अध्यन किया मझे ये सब अध्यन के बाद आज राजपूत समाज पर गर्व हुआ जो एक गंभीर समस्या थी वो आज इस वेब साइट से निवार्ण हुआ ,सबी राजपूत समाज आज इस देहजप्रथा से पूरी मुक्ति मीलेगी , वेव साइट के सभी सदस्यो को तहदिल से धन्यवाद ।आप सभी से आग्रह है कि इस वेब साइट के माध्यम से राजपूत समाज को आगे बढ़ाये ।राजपूत समाज मे दहेजप्रथा से मुक्ति दिलाने का संकल्प ले । जय महाराणा ।राजपुताना । आप का अनुग्रह छोटा भाई कुलदीप राजावत

KD Banna

Posted : 6/23/2020 8:44:44 AM

दहेज प्रथा हमारे समाज पर कलंक है ये किसी ना किसी रुप में पूरे देश में व्याप्त है हमारे देश में इसका प्रचलन प्राचीन काल से है। लेकिन प्रारंभ में यह स्वेच्छा से दिया जाता था पर आज इस प्रथा ने हमारे समाज को दुषित कर दिया है बिना अच्छे_खासे दहेज के कोई व्यक्ति अपनी बेटी का विवाह कि बात सोच भी नहीं सकता है इसलिए हमारे समाज में इस प्रथा को जड़ से खत्म करना चाहिए ताकि कोई भी समाज का व्यक्ति अपनी बेटी का विवाह अच्छे घर में कर सकें। यह वैबसाइट बहुत ही अच्छी है। इसके माध्यम से हम सब मिलकर इस कलंक को हमारे समाज से मिटा सकते हैं

Vishnu Singh Rajawat

Posted : 6/23/2020 8:39:45 AM

दहेज प्रथा हमारे क्षत्रिय समाज के लिए एक अभिशाप के समान हैं, जो हमेशा हमें पतन के गर्त में ही ले जाएगी क्यूंकि दहेज के कारण रिश्ते तो मिल जाते हैं लेकिन मन कभी नहीं मिलते और जहाँ मन नहीं मिलते वहाँ एक दूसरे के प्रति सम्मान कभी नहीं होगा। बस दिखावा और बनावटी पन होता हैं रिश्तों में । इसलिए ऐसी कुप्रथाओं से समाज को मुक्त करना होगा ताकी समाज में एकता की स्थापना हो।अगर रिश्ते में मान-सम्मान और मिठास होगी तो वो हर सुख दुख में जीवन भर काम आयेगा और इसी एकता को पुनः घटित करने का काम कर रहा है हमारा दहेज़ विरोधी क्षत्रिय संघ 🚩बदलाव के लिए कदम उठना जरुरी है एक नए सफर की शरुवात करे दहेज़ विरोधी क्षत्रिय

योगिता कँवर भाटी, जयपुर

Posted : 6/22/2020 11:49:58 PM

पिछले लगभग 25, 30 वर्षों से निसंदेह ही राजपूत समाज के शादी समारोहों को आडम्बर युक्त दिखावे ने एक विचित्र स्थिति अख्तियार करते हुये असहज स्थिति मे लाकर खड़ा कर दिया हैं । अनावश्यक खर्चो से बचाने का विचार मात्र ही सर्वप्रथम दहेज विरोधी संध के संज्ञान मे आया हैं । बहुत बडी़ सोच के साथ कुछ कर्मठ कार्यकर्ता ने पहली बार समाज को बचाने का कार्य किया हैं ।निश्चित ही अब सभी का सहयोग अपेक्षित हैं।

Prahalad Singh Bhagatpura

Posted : 6/22/2020 10:28:46 PM

इस वेब साइट को बना कर वास्तविकता में अपनों को मिलाने के लिए आप ने समाज का स्वयं का एक मंच तैयार किया है, यह आत्मनिर्भरता की ओर हमारा पहला कदम है। इस के लिए आदरणीय वीजेंद्र सिंह जी राजावत की जितनी प्रशंसा की जाय उतनी ही कम है। आप के द्वारा दिन रात एक कर किये गये इस महान कार्य के लिए समाज सदैव ऋणी रहेगा हुकम। बिखरे पड़े थे जो मोती इधर उधर उन्हें एक माला में पिरोने के लिये विजेंद्र सिंह सा ने हमे जो उपहार दिया उसे बढ़ाने का उत्तरदायित्व अब हम सभी कार्यकर्ताओं का है,

Brijmohan Singh Rathore Jakhli

Posted : 6/22/2020 10:20:20 PM

दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ के सभी प्रबुद्ध जनों को सुप्रभात दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ समाज में फेल रही कुप्रथा कुरिवाज जैसी बुराइयों को जड़ से समाप्त करने के लिए बनाया गया है लेकिन समाज बंधुओं के मन में एक डर सा है वह इस बात का कि जब हम चलाकर किसी से कहते हैं कि ₹1 और नारियल में शादी करा देंगे तो लड़की वालों के मन में एक डर या अलग सोच आने लगती है कि कहीं ना कहीं लड़के में या उसके परिवार में कोई कमी है इसीलिए ₹1 और नारियल के हामी भर रहे हैं लेकिन यह सोच उन परिवारों को बदलनी चाहिए क्योंकि हमने जिन बुराइयों को समाप्त करने के उद्देश्य से इस संगठन का गठन किया है इसका उद्देश्य यही है तो वह लोग जो ऐसा स

दिलीप सिंह महरौली दहेज विरोधी क्षत्रिय संघ का कार्

Posted : 6/22/2020 10:12:47 PM

यह वेबसाइट बहुत ही अच्छी है. यह सब लोग समाज की निस्वार्थ सेवा कर रहे है . इसके माध्यम से दहेज़ प्रथा को खत्म किया जा सकता है और एक लड़की के पिटा का घर बिकने से बचाया जा सकता है . गर्व है मुझे इन पर |

पूनम कँवर

Posted : 6/22/2020 12:13:52 PM